परिचय
वित्तीय वर्ष 2013-14 की शुरुआत अप्रैल से हो चुकी है। यानी, आपकी आय पर आयकर की सालाना गणना की शुरुआत भी हो चुकी है।
बहुत संभव है कि टैक्स प्लानिंग के लिए अधिकांश लोगों की तरह आप भी अगले मार्च के नजदीक आने का इंतजार कर रहे हों। अगर ऐसा है तो संभल जाइए। जितनी जल्दी टैक्स की प्लानिंग कर लें उतना ही अच्छा और लाभकारी रहेगा।
मार्च का महीना जैसे-जैसे करीब आने लगता है, लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए निवेश के विकल्पों के पीछे पड़ते हैं। नतीजा यह होता है कि महज टैक्स बचाने के लिए कई बार वैसे बीमा या अन्य उत्पाद खरीद लिए जाते हैं, जिसका अधिकतम फायदा नहीं मिल पाता और एजेंट कमीशन कमा जाते हैं।
अधिकांश मामलों में अंतिम घड़ी में टैक्स बचाने के लिए किए गए निवेश व्यक्ति की ओवरऑल फाइनेंशियल प्लानिंग से मेल नहीं खाती, जिससे उसे निवेश का अधिकतम लाभ नहीं मिल पाता।
इसके अलावा, अंतिम क्षणों में टैक्स बचाने के लिए निवेश के लिए बड़ी रकम का इंतजाम भी अकसर भारी पड़ जाता है। ऐसे में बेहतर है कि वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के अनुसार साल की टैक्स प्लानिंग करें और शुरू से ही उसके अनुसार निवेश शुरू कर दें।
इससे न सिर्फ लंबी अवधि की फाइनेंशियल प्लानिंग का तयशुदा लक्ष्य पा सकेंगे, बल्कि टैक्स बचाने के लिए निवेश का भार भी एकबारगी नहीं पड़ेगा। टैक्स प्लानिंग को लेकर आपके लिए हम यहां कुछ अहम जानकारी पेश कर रहे हैं, जिनका लाभ टैक्स प्लानिंग में मिलेगा।